रावणा राजपूत मुकन्द सिंह ने बनवाया यह किला - Dhod Fort in Hindi

रावणा राजपूत मुकन्द सिंह ने बनवाया यह किला - Dhod Fort in Hindi, इसमें धोद के किले के बारे में जानकारी दी गई है जो आज पूरी तरफ से वीरान खड़ा है।

Dhod Fort in Hindi

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सीकर जिले में कई गढ़ और किले मौजूद हैं जिनमें एक प्रमुख गढ़ है धोद का गढ़ जिसे धोद फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह फोर्ट सीकर रेलवे स्टेशन से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि इस किले को सीकर के राव राजा लक्ष्मण सिंह के खवासवाल पुत्र मुकन्द सिंह ने बनवाया था।

इस किले के पास में ही कुछ छतरियाँ बनी हुई है जिनमें मुकंद सिंह की छतरी भी मौजूद है। यहाँ पर एक शिलालेख भी लगा हुआ है।

धोद ठिकाने के मुकंद सिंह का प्रभाव तत्कालीन सीकर रियासत की राजनीति एवं प्रशासन पर भी काफी अधिक था। अधिकांश निर्णयों में इनका दखल हुआ करता था।

वर्तमान में रखरखाव नहीं होने के कारण अब इस किले की दुर्दशा ही हो रही है लेकिन इसे देखने पर यह अंदाजा लगाना बिलकुल भी मुश्किल नहीं है कि यह गढ़ अपने स्वर्णिम काल में काफी गुलजार रहा होगा।

यह गढ़ एक लम्बे चौड़े मैदान में कई वर्षों से अकेला अडिग खड़ा है। गढ़ का प्रवेश द्वार काफी बड़ा और मजबूत प्रतीत होता है। मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय यह गढ़ काफी विशाल प्रतीत होता है।

गढ़ में काफी कमरे एवं काफी गलियारे हैं जो एक भूलभुलैया की भाँति है। मुख्य द्वार से दाईं तरफ जाने पर घोड़ों के लिए घुडसाल मौजूद है।

सामने एक दरवाजा है जिसके अन्दर जाने पर मीटिंग हॉलनुमा निर्माण है जो संभवतः यहाँ के शासक का दरबार हुआ करता होगा। इसी जगह बैठकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते होंगे।


पीछे की तरफ रानियों का निवास हुआ करता था। इनके लिए कई कक्ष बने हुए हैं और इनमें गढ़ के दूसरी तरफ स्थित महल से भी आया जा सकता है।

गढ़ के मुख्य दरवाजे के सामने से भी इसमें प्रवेश किया जा सकता है। अन्दर गलियारों से गुजरकर जाने पर एक दो मंजिला महलनुमा निर्माण आता है जो काफी भव्य है।

चारों तरफ स्तंभों से बना हुआ यह महल अपनी सभी दीवारों पर सुन्दर चित्रकारी को समेटे हुए है। गढ़ के चारों कोनों पर गोलाकार बुर्ज बने हुए हैं।

इन बुर्जों को अंदर से देखने पर ये अत्यंत भव्य कक्ष हैं जिनमें दीवारों और छत पर सुन्दर नक्काशी और चित्रकारी की हुई है। अधिकांश चित्र नष्ट हो गए हैं लेकिन कई चित्र आज भी उस दौर की कला से हमें रूबरू कराते हैं।

गढ़ की ऊपरी मंजिलों पर उस समय के स्नानागार और शौचालय भी बने हुए हैं। अगर आप ऐतिहासिक स्मारकों को देखने में रुचि रखते हैं तो आपको एक बार इस गढ़ को अवश्य देखना चाहिए।

धोद के किले की मैप लोकेशन - Map Location of Dhod Fort



धोद के किले का वीडियो - Video of Dhod Fort



धोद के किले की फोटो - Photos of Dhod Fort


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें।

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