लोहार्गल की प्रसिद्ध बावड़ी - Chetandas Baori Lohargal in Hindi, इसमें तुलसीदास जी के समकालीन संत चेतन दास जी द्वारा बनवाई गई बावड़ी की जानकारी है।
{tocify} $title={Table of Contents}
पवित्र तीर्थ गुरु लोहार्गल धाम का सम्बन्ध पांडवों के साथ तो रहा ही है लेकिन यह स्थान अनेक संतों की तपोस्थली भी रहा है।
इस धरा को सुशोभित करने वाले ऐसे ही एक संत थे जिन्हें सभी संत शिरोमणि चेतन दासजी के नाम से जानते हैं। चेतन दासजी ने अपने तपोबल से लोहार्गल की पावन भूमि को और पवित्र किया है।
इनका जीवन काल गोस्वामी तुलसीदास के समकालीन बताया जाता है। ये एक सिद्ध संत थे और इनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी।
चेतन दासजी का आश्रम लोहार्गल धाम से कुछ पहले स्थित है। यह आश्रम चेतन दासजी की तपोस्थली रहा है। इस आश्रम में प्राचीन गोपालजी का मंदिर भी स्थित है।
अब यह स्थान इस आश्रम के बनिस्बत इसके बगल में स्थित प्राचीन बावड़ी के कारण अधिक जाना जाता है। इस बावड़ी को चेतन दासजी की बावड़ी के नाम से जाना जाता है।
यह बावड़ी लोहार्गल से लगभग ढाई किलोमीटर पहले मुख्य सड़क पर ही स्थित है और अपनी प्राचीनता एवं भव्यता की वजह से लोहार्गल जाने वाले श्रद्धालुओं को अनायास ही अपनी तरफ खींच लेती है।
पाँच तलों की गहराई वाली यह बावड़ी देखने में काफी भव्य है। बावड़ी साफ सुथरी है और ठीक ठाक हालत में है। बावड़ी काफी लम्बे चौड़े क्षेत्र में फैली हुई है।
इस बावड़ी के पीछे की तरफ आश्रम में चेतन दासजी के चरणों के निशान मौजूद हैं। इनके साथ कुछ और संतों के चरण स्थल भी मौजूद हैं।
इस बावड़ी के निर्माण के विषय में ऐसा कहा जाता है कि चेतन दासजी के सिद्ध वचनों से इस क्षेत्र के राजा की मनोकामना पूर्ण हो गई थी।
अपनी मनोकामना के पूर्ण होने पर राजा चेतन दासजी का आशीर्वाद लेने इनके आश्रम में आया और इनसे कहा कि वो उनके लिए कुछ करना चाहता है।
चेतन दासजी ने कहा कि वो तो संत है उन्हें कुछ नहीं चाहिए लेकिन फिर भी अगर वो कुछ करना चाहते हैं तो इस स्थान पर एक बावड़ी बनवा दें ताकि लोहार्गल आने वाले श्रद्धालु अपनी प्यास बुझा सकें।
संत की आज्ञा को शिरोधार्य कर राजा ने यहाँ पर एक भव्य बावड़ी का निर्माण करवाया। कई सदियों तक यह बावड़ी राहगीरों की प्यास बुझाती रही।
लेकिन जैसा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के युग में जल के सभी परंपरागत स्रोत नेस्तनाबूद हो चुके हैं यह बावड़ी भी राहगीरों की प्यास बुझाने में समर्थ नहीं है।
अब यह बावड़ी एक धरोहर के रूप में केवल दर्शनीय स्थल बनकर रह गई है। अगर आप लोहार्गल धाम की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपको इस बावड़ी को अवश्य देखना चाहिए।
चेतनदास बावड़ी की मैप लोकेशन - Map Location of Chetandas Baori
चेतनदास बावड़ी का वीडियो - Video of Chetandas Baori
चेतनदास बावड़ी की फोटो - Photos of Chetandas Baori
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
सोशल मीडिया पर हमसे जुड़ें (Connect With Us on Social Media)
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारा व्हाट्सएप चैनल और टेलीग्राम चैनल फॉलो करें
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Tags:
Rajasthan-Tourist-Places