भूतों ने एक रात में बनाई दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी - Chand Baori Stepwell Abhaneri in Hindi, इसमें दुनिया की सबसे गहरी चाँद बावड़ी की जानकारी दी गई है।
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दौसा जिले के आभानेरी गाँव में स्थित चाँद बावड़ी अपने वास्तु, स्थापत्य एवं गहराई के लिए सम्पूर्ण विश्व में इकलौती मानी जाती है।
इस बावड़ी को निकुम्भ वंश के राजा चाँद ने लगभग 8वीं या 9वीं शताब्दी में बनवाया था। आभानेरी का प्राचीन नाम आभा नगरी था जिसे राजा चाँद ने बसाया था।
वर्तमान में यह गाँव दौसा जिले में जयपुर आगरा रोड पर सिकन्दरा चौराहे से पाँच किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। जयपुर से आभानेरी की दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। इस बावड़ी की देखरेख पुरातत्व विभाग के अंतर्गत है।
पहले प्रवेश निशुल्क था परन्तु अब प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। बावड़ी चारों तरफ से चारदीवारी से घिरी हुई है। यह बावड़ी देखने में अत्यंत भव्य तथा विशालकाय है जिसका प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की तरफ से है।
बावड़ी में प्रवेश मंडप से प्रवेश करने के बाद बड़े-बड़े गलियारे दिखाई देते हैं जिनमें बहुत सी प्राचीन खंडित मूर्तियाँ मौजूद है। बावड़ी का प्राकार (चारदीवारी), पार्श्व बरामदे एवं प्रवेश मंडप मूल योजना में नहीं थे और इनका निर्माण बाद में किया गया था।
यह बावड़ी वर्गाकार रूप में बनी हुई है जिसकी प्रत्येक भुजा की माप 35 मीटर है। बावड़ी की तीनों तरफ सीढ़ियाँ एवं उत्तरी भाग में चौथी तरफ कई मंजिलों में स्तम्भ युक्त हवादार गलियारे बने हुए हैं।
लगभग 19.5 मीटर (100 फुट) की गहराई वाली इस तेरह मंजिला बावड़ी में ऊपर से नीचे उतरने के लिए पिरामिड आकार में एक समान 250 दोहरी सीढ़ीनुमा संरचनाएँ (दोहरे सोपान) बनी हुई है जिनमें सीढ़ियों की कुल संख्या 3500 बताई जाती है।
इन सीढ़ियों की बनावट एक चतुष्फलकीय ज्यामितीय संरचना को प्रदर्शित करती है। इन सीढ़ियों की बनावट देखकर लगता है कि इस प्रकार के निर्माण की परिकल्पना इंसान के बस की बात नहीं हो सकती है।
इन सीढ़ियों की वजह से बावड़ी को सीढ़ियों की भूलभुलैया भी कहा जाता है। यह दावा किया जाता है कि कोई एक बार जिस सीढ़ी से नीचे उतर जाता है वह उस सीढ़ी से वापस ऊपर नहीं आ सकता है।
बावड़ी की उत्तरी भाग में स्तंभों पर आधारित बहुमंजिला दीर्घा बनी हुई है। गलियारों के रूप में मौजूद ये दीर्घाएँ बेहद भव्य हैं।
इन गलियारों में कलात्मक भित्तिचित्र बने हुए हैं। बावड़ी की सबसे नीचे वाली मंजिल में दो ताखों में गणेश एवं महिसासुर मर्दिनी की प्रतिमाएँ बनी हुई है।
बावड़ी के अन्दर अंधेरी-उजाली नामक गुफा मौजूद है। इस गुफा से एक 17 किलोमीटर लम्बी सुरंग भांडारेज गाँव में निकलती है। यह सुरंग युद्ध तथा आपातकाल में काम आती थी।
कहा जाता है कि यह बावड़ी प्रेतवाधित है। किंवदंती के अनुसार वर्षों पहले बावड़ी की अंधेरी-उजाली गुफा में एक बारात घुसी थी जो आज तक बाहर नहीं आई। पूरी की पूरी बारात इस गुफा में ही गायब हो गई थी।
इस बावड़ी के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसका निर्माण एक रात में हुआ है। चूँकि एक रात में इतनी बड़ी बावड़ी का निर्माण इंसानों के द्वारा असंभव प्रतीत होता है इसलिए कहा जाता है कि इस बावड़ी का निर्माण जिन्न ने किया था।
पास ही हर्षत माता का भव्य मंदिर है जो इस बावड़ी के समकालीन ही है। इसे भी राजा चाँद ने ही बनवाया था। यह बावड़ी टूरिस्ट प्लेस होने के साथ-साथ फिल्मों की शूटिंग के लिए भी पसंदीदा जगह बनती जा रही है।
अब तक यहाँ पर भूल भुलैया, द फॉल, द डार्क नाइट राइज, बेस्ट एक्सोटिक मैरीगोल्ड होटल आदि देशी और विदेशी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
चाँद बावड़ी की मैप लोकेशन - Map Location of Chand Baori Stepwell
चाँद बावड़ी का वीडियो - Video of Chand Baori Stepwell
चाँद बावड़ी की फोटो - Photos of Chand Baori Stepwell
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।