उदयपुर में घूमने की सबसे शानदार जगह - Doodh Talai Lake Udaipur, इसमें उदयपुर शहर में पिछोला झील के पास घूमने की कुछ शानदार जगहों के बारे में बताया है।
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आज हम आपको उदयपुर शहर में घूमने की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएँगे जहाँ पर उदयपुर आने वाले सभी पर्यटकों को जरूर जाना चाहिए।
लगभग आधा-पौन किलोमीटर की दूरी में फैली ये सभी जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर होने के साथ-साथ काफी खूबसूरत हैं। चारों तरफ पहाड़ों से घिरी इन जगहों पर टेढ़ी-मेढ़ी सड़कों से पहुँचा जा सकता है।
इन जगहों के नाम दूध तलाई झील, पंडित दीन दयाल उपाध्याय पार्क, करणी माता रोपवे, माणिक्य लाल वर्मा गार्डन, एकलिंग गढ़ और शहरकोट, करणी माता मंदिर, तोप वाले बाबा की मजार और पिछोला झील हैं।
तो आज हम इन सभी जगहों का Tour करके इन्हें करीब से देखते हैं। आइए शुरू करते हैं।
दूध तलाई की यात्रा और विशेषता, Doodh Talai Ki Yatra Aur Visheshta
सबसे पहले हम दूध तलाई के बारे में बात करते हैं। दूध तलाई एक छोटी झील है जो पिछोला झील की पाल के पास में ही है। यह पिछोला से एक छोटी नहर द्वारा जुड़ी हुई है।
जब हम पिछोला झील की पाल पर जाते हैं तो हमें दूध तलाई झील के साथ-साथ ही आगे जाना होता है। आगे जाने पर राइट साइड में अब होटल बन चुके उदयपुर के सिटी पेलेस के एक हिस्से का दरवाजा मौजूद है।
सिटी पेलेस का यह हिस्सा शिव निवास पेलेस कहलाता है जो अब एक भव्य होटल में बदल गया है। महाराणा फतेह सिंह के समय यह उनका महल हुआ करता था।
दूध तलाई झील के चारों तरफ सर्पिलाकार सड़क बनी हुई है। झील के चारों तरफ ऊँचे पहाड़ हैं जिनमें दो पहाड़ों पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय और माणिक्य लाल वर्मा पार्क बने हुए हैं।
दूध तलाई झील के चारों दिशाओं में सुंदर छतरियाँ बनी हुई हैं। इन छतरियों में रात के समय रंग-बिरंगी लाइटें जली रहती हैं।
इन छतरियों में से दूध तलाई का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। ये छतरियाँ फोटोग्राफी के लिए बेस्ट जगह हैं। यहाँ पर थोड़ी देर बैठना बड़ा अच्छा लगता है।
अब आपके दिमाग में एक प्रश्न जरूर उठ रहा होगा कि इस झील को दूध तलाई क्यों कहते हैं। क्या इसका दूध से कोई वास्ता रहा है?
आपको बता दें कि दूध तलाई का मतलब दूध का तालाब होता है। रियासत काल में यह तालाब राजपरिवार की रसोई और गायों से जुड़ा हुआ था। इस तालाब का पानी राजपरिवार के उपयोग में आता था।
इसके साथ इस तालाब का पानी राजपरिवार की गायों के पीने और नहलाने के काम में भी लिया जाता था। इस प्रकार राजपरिवार की गायों से जुड़े होने के कारण इस तालाब को दूध तलाई कहा जाने लगा।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय पार्क की यात्रा और विशेषता, Pandit Deen Dayal Upadhyay Park Ki Yatra Aur Visheshta
दूध तलाई के पास ही एक पहाड़ी पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय पार्क बना हुआ है। इस पार्क को Rock Garden और Musical Fountain Garden भी कहते हैं।
पहाड़ी पर पार्क तक जाने के लिए सड़क बनी हुई है। इस पार्क में राजस्थान का सबसे पहला Musical Fountain शुरू हुआ था।
पार्क में प्रवेश के लिए पार्क के बाहर बने काउन्टर से Entry Ticket लेना पड़ता है। Entry Ticket की रेट ज्यादा नहीं है।
पार्क के अंदर घनी हरियाली है और कई तरह के पेड़ पौधे लगे हुए हैं। पार्क में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा लगी हुई है।
पार्क में Birds Watching Point, Selfie Point, Animal Statues के साथ बच्चों के लिए Slides भी बने हुए हैं।
पार्क में Sunset Point भी है जहाँ से ढलते सूरज को देखना बड़ा अच्छा लगता है। साथ ही आप पिछोला झील के साथ-साथ सिटी पेलेस का भव्य नजारा कर सकते हैं।
मंशापूर्ण करणी माता रोपवे की यात्रा और विशेषता, Manshapoorn Karni Mata Ropeway Ki Yatra Aur Visheshta
दीन दयाल उपाध्याय पार्क के सामने ही दूसरी पहाड़ी पर करणी माता के मंदिर तक जाने के लिए रोपवे बना हुआ है जिसकी टिकट विंडो सामने ही बनी हुई है।
इस रोपवे को मंशापूर्ण करणी माता रोपवे कहा जाता है। यह राजस्थान का सबसे पहला रोपवे है। इस रोपवे से लगभग 4 मिनट की राइड करके सामने की पहाड़ी पर लगभग 500 मीटर ऊँचाई पर बने करणी माता के मंदिर तक जाते हैं।
राइड के दौरान आपको पिछोला, सिटी पेलेस, दूध तलाई के साथ आस पास के पहाड़ों का बड़ा सुंदर नजारा दिखाई देता है।
माणिक्य लाल वर्मा गार्डन की यात्रा और विशेषता, Manikya Lal Verma Garden Ki Yatra Aur Visheshta
दूध तलाई के पास ही एक पहाड़ी पर माणिक्य लाल वर्मा गार्डन बना हुआ है। वर्ष 1995 में बने इस गार्डन को दूध तलाई गार्डन भी कहते हैं।
गार्डन तक जाने के लिए गेट बना हुआ है जिस पर मंशापूर्ण करणी माता मंदिर लिखा हुआ है। ऊपर जाने के लिए सड़क बनी हुई है। यह सड़क पहाड़ी पर गार्डन तक जाती है।
इस गेट से थोड़ा पहले गार्डन तक पैदल जाने के लिए दो तीन जगह सीढ़ियाँ भी बनी है। ये गार्डन ज्यादा ऊँचाई पर नहीं है इसलिए आप गार्डन में पैदल भी जा सकते हैं।
ऊपर गार्डन में घनी हरियाली और शांति है। यहाँ पर एक Open Gym भी बनी हुई है। पार्क में माणिक्य लाल वर्मा की प्रतिमा लगी हुई है।
पार्क से दूध तलाई और पिछोला झील का बड़ा सुंदर नजारा होता है। यहाँ से भी ढलते सूरज को देखा जा सकता है।
इस पार्क में से ऊपर पहाड़ पर करणी माता के मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई है। अगर आपको करणी माता के मंदिर में पैदल जाना है तो आपको इस पार्क से होकर ही जाना पड़ेगा।
एकलिंग गढ़ और शहरकोट की यात्रा और विशेषता, Ekling Garh Aur Shaharkot Ki Yatra Aur Visheshta
माणिक्य लाल वर्मा गार्डन के आस-पास का पहाड़ मछली की Shape का है। इस पहाड़ को माछला मगरा कहा जाता है। इसी पहाड़ पर करणी माता का मंदिर बना हुआ है।
इस पहाड़ ने मराठों के आक्रमण से मेवाड़ की रक्षा की है। इस सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 17वीं शताब्दी में महाराणा कर्ण सिंह ने इस पहाड़ पर एकलिंग गढ़ का निर्माण करवाया और एक शहर पनाह यानी परकोटा बनवाना शुरू करवाया था।
बाद में इस परकोटे का पूरा निर्माण महाराणा अरी सिंह द्वितीय के समय उनके प्रधानमंत्री अमरचंद बड़वा ने करवाया।
इस एकलिंग गढ़ पर एक तोपखाना भी बनाया गया और दुश्मन भंजक नाम की बड़ी तोप लगाई गई। आप आज भी पहाड़ के ऊपर एकलिंग गढ़ के साथ चारों तरफ परकोटा देख सकते हो।
माछला मगरा पहाड़ पर एकलिंग गढ़ के साथ करणी माता का मंदिर और तोप वाले बाबा की दरगाह भी बनी हुई है। पहाड़ पर कुछ छतरियाँ और Watch Tower भी बने हुए हैं।
इस पहाड़ से पूरा उदयपुर दिखाई देता है। यहाँ से आप पिछोला झील के साथ सिटी पेलेस का शानदार नजारा कर सकते हो।
शाम के समय पिछोला झील के ऊपर ढलता सूरज बड़ा सुंदर लगता है। रात के समय उदयपुर शहर की खूबसूरती काफी बढ़ जाती है।
पिछोला झील की यात्रा और विशेषता, Pichhola Jheel Ki Yatra Aur Visheshta
दूध तलाई के पास ही पिछोला झील की पाल बनी हुई है। इस पाल तक जाने के लिए दूध तलाई के साथ-साथ गुजरना पड़ता है।
पिछोला झील में जग मंदिर और जग निवास दोनों दिखाई देते हैं। झील में बोटिंग करने का मजा अपने आप में बड़ा अलग है।
झील के पास ही आप जल बुर्ज की तरफ जाने वाली रोड पर Camel Riding, Horse Riding के साथ फास्ट फूड का मजा ले सकते हैं।
दूध तलाई के पास घूमने की जगह, Doodh Talai Ke Paas Ghumne Ki Jagah
अगर हम दूध तलाई के पास घूमने की जगह के बारे में बात करें तो आप सिटी पेलेस, जंगल सफारी, गुलाब बाग आदि देख सकते हैं।
दूध तलाई कैसे जाएँ?, Doodh Talai Kaise Jayen?
अब हम बात करते हैं कि दूध तलाई कैसे जाएँ? दूध तलाई, पिछोला झील की पाल के पास में स्थित है। उदयपुर रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी लगभग साढ़े तीन किलोमीटर और Roadways Bus Stand से लगभग तीन किलोमीटर है।
उदयपुर रेलवे स्टेशन से उदिया पोल, गुलाब बाग होते हुए आप दूध तलाई जा सकते हैं। इसके अलावा आप उदयपुर रेलवे स्टेशन से पटेल सर्कल होते हुए भी दूध तलाई जा सकते हैं।
अगर आप एक ही जगह पर पहाड़, झील, गार्डन, रोपवे के साथ ऊँट और घोड़े की सवारी का मजा लेना चाहते हैं तो आपको दूध तलाई लेक जरूर देखनी चाहिए।
आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। कमेन्ट करके अपनी राय जरूर बताएँ।
इस तरह की नई-नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। जल्दी ही फिर से मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।
दूध तलाई की मैप लोकेशन, Doodh Talai Ki Paal Ki Map Location
दूध तलाई की फोटो, Doodh Talai Ki Paal Ki Photos
लेखक
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}