झरने के पास गुफा में विराजती है वैष्णो देवी - Prabhatpuri Ka Khola Vaishno Devi Jaipur, इसमें प्रभातपुरी का खोला की वैष्णो देवी गुफा की जानकारी है।
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जयपुर में एक ऐसी छिपी हुई जगह है जो धार्मिक होने के साथ-साथ घूमने के लिए भी बड़ी अच्छी है। सघन हरियाली के बीच चारों तरफ पहाड़ों से ढकी यह जगह बहुत मनोरम है।
इस जगह पर एक गुफा के अंदर माता वैष्णो देवी का मंदिर है। गुफा के बाहर कल-कल करता एक झरना बह रहा है।
इस जगह के बारे में कम लोगों को पता होने की वजह से अभी यहाँ पर ज्यादा लोग नहीं आते हैं, लेकिन जैसे-जैसे इस जगह के बारे में पता लग रहा है, वैसे-वैसे लोग यहाँ आने लगे हैं।
तो आज हम आपको इस छिपी हुई जगह पर ले जाकर वैष्णो देवी माता के साथ बहते हुए झरने को दिखाने वाले हैं, तो आइए शुरू करते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा और विशेषता, Vaishno Devi Mandir Ki Yatra Aur Visheshta
नाहरगढ़ के पहाड़ की तलहटी में स्थित इस जगह पर जाने के लिए पथरीला रास्ता बना हुआ है। बारिश के मौसम में रास्ते में मौजूद बाँध में पानी भर जाने की वजह से पैदल ही जाना पड़ता है।
चारों तरफ कदंब के पेड़ों से ढकी यह जगह संतों की तपो भूमि रही है। जंगली एरिया में होने की वजह से यहाँ पर जंगली जानवर आने का खतरा बना रहता है।
यहाँ का मुख्य आकर्षण बारिश के महीने में बहने वाला झरना है। लोग माताजी के दर्शनों के साथ-साथ इस झरने में नहाने का आनंद भी उठाते हैं। झरने में नहाते हुए बच्चे, महिलाएँ और युवा वर्ग पूरा आनंद लेता है।
लगभग 30-35 फीट की ऊँचाई से गिरता झरना बड़ा सुंदर लगता है। झरने के आगे पानी भर जाता है जो एक छोटे स्विमिंग पूल जैसा एहसास कराता है।
झरने के पास में ही एक गुफा बनी हुई है। इस गुफा के अंदर वैष्णो देवी माता विराजित है। माता यहाँ पर पिंडी के रूप में दर्शन देती है।
अब इस गुफा के आगे कुछ निर्माण हो गया है और बाहर टीन शेड भी लगा दिया है लेकिन दो तीन वर्ष पहले ऐसा कुछ नहीं था।
पहले झरने के पास से गुफा का छोटा सा प्रवेश द्वारा दिखाई देता था लेकिन अब आपको टीन शेड से होकर गुफा तक जाना होता है।
गुफा का गेट काफी छोटा है जिसमें झुक कर प्रवेश करना पड़ता है। लगभग 20-25 फीट लंबाई की इस गुफा में जगह-जगह चट्टानें लटक रही है। आपको अपने सिर को बचाकर बड़ी सावधानी से अंदर जाना पड़ता है।
बारिश के मौसम में गुफा के अंदर जगह-जगह पानी टपकता रहता है। गुफा के अंदर माँ काली, माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती तीनों देवियाँ पिंडी रुप में विराजित हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस गुफा में ये तीनों पिंडियाँ स्वयं प्रकट हुई थी। गुफा में आने पर ऐसा लगता है जैसे हम जम्मू की वैष्णो देवी माता के दरबार में पहुँच गए हैं।
गुफा के अंदर प्रभातपुरी नामक महात्मा का एक धूणा यानी हवन कुंड बना हुआ है। यह धूणा कई संतों की तपस्या करने के काम में आया है।
गुफा के बाहर एक शिव मंदिर बना हुआ है। इस शिव मंदिर में एक पुराना शिवलिंग स्थापित है। इस शिवलिंग के बगल से पहाड़ी के ऊपर जाने का रास्ता है।
यहाँ से ऊपर जाने पर वो जगह आती है जहाँ से पानी नीचे झरने के रूप में गिरता है। यह पानी ऊपर पहाड़ से बहकर आता है यानी आगे इस झरने का उद्गम स्थल है।
वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास, Vaishno Devi Mandir Ka Itihas
अगर वैष्णो देवी की इस गुफा के इतिहास के बारे में बात करें तो यह गुफा काफी पुरानी है। यहाँ पर कई संत महात्माओं ने तपस्या की है।
इन संत महात्माओं में एक पहुँचे हुए संत थे प्रभातपुरी महाराज। प्रभातपुरी महाराज के नाम पर ही इस एरिया को प्रभातपुरी का खोला के नाम से जाना जाता है।
प्रभातपुरी का खोला बाँध, Prabhatpuri Ka Khola Baandh
मंदिर तक आने वाले रास्ते में एक बाँध भी बना हुआ है जिसे प्रभातपुरी का खोला बाँध कहा जाता है। बारिश के मौसम में इस बाँध में पानी भर जाता है।
वैष्णो देवी मंदिर के पास में घूमने की जगह, Vaishno Devi Mandir Ke Paas Ghumne Ki Jagah
वैष्णो देवी मंदिर के पास में घूमने की जगह के बारे में अगर बात करें तो आप यहाँ से कुछ किलोमीटर दूर खजाना महल, जलमहल, नाहरगढ़ का किला, चरण मंदिर आदि देख सकते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर कैसे जाएँ?, Vaishno Devi Mandir Kaise Jayen?
वैष्णो देवी का मंदिर, जलमहल के सामने गुर्जर घाटी में पहाड़ियों के बीच प्रभातपुरी के खोले नाम की जगह पर है। ज्यादातर लोग इस जगह को वैष्णो देवी के मंदिर की जगह प्रभातपुरी का खोला नाम से ही जानते हैं।
जयपुर रेलवे स्टेशन से इस जगह की दूरी लगभग 11 किलोमीटर है। यहाँ पर जाने के लिए आपको सबसे पहले जलमहल तक जाना होगा।
जलमहल से वैष्णो देवी मंदिर जाने के दो रास्ते हैं जिनकी दूरी एक से डेढ़ किलोमीटर के बीच है। पहला रास्ता जलमहल शुरू होने से पहले रिजर्व पुलिस लाइन के ऑफिस से आगे पुलिस लाइन रोड से जाता है।
दूसरा रास्ता रिजर्व पुलिस लाइन से आगे जाने पर एयरफोर्स के ऑफिस के बगल से जाता है। इन दोनों रास्तों में आगे जाने पर कम चौड़ाई की गलियाँ आती है जिनमें कार से जाना थोड़ा मुश्किल है।
आगे प्रभातपुरी का बाँध आता है। बारिश के मौसम में इसमें पानी भर जाता है लेकिन बाकी समय यह सूखा रहता है। बारिश के मौसम में इस बाँध से मंदिर तक पैदल ही जाना पड़ता है।
यहाँ से आगे का रास्ता हल्की चढ़ाई के साथ पथरीला है। ये रास्ता सीधा वैष्णो देवी के मंदिर तक जाता है। बारिश में पानी बहता रहता है जिसमें लोग नहाते दिख जाते हैं।
वैष्णो देवी के मंदिर के पास काले हनुमान जी के साथ महादेव का मंदिर भी बना हुआ है। आप इनके भी दर्शन कर सकते हैं।
अगर आपको प्राकृतिक सुंदरता देखने के साथ-साथ झरने में नहाने का मजा लेना है तो आपको बारिश के मौसम में यहाँ जरूर जाना चाहिए।
तो आज बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। ऐसी ही नई-नई जानकारियों के लिए हमसे जुड़े रहें।
जल्दी ही फिर मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ। तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।
वैष्णो देवी मंदिर की मैप लोकेशन, Vaishno Devi Mandir Ki Map Location
वैष्णो देवी मंदिर की फोटो, Vaishno Devi Mandir Ki Photos
लेखक
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}