महाराणा प्रताप की सबसे बड़ी मूर्ति - Pratap Gaurav Kendra Udaipur, इसमें महाराणा प्रताप की सबसे बड़ी धातु की प्रतिमा स्थल के बारे में जानकारी दी गई है।
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उदयपुर शहर अपनी झीलों एवं नैसर्गिक सुन्दरता के लिए पहले से ही विश्वविख्यात है लेकिन अब इसके दर्शनीय स्थलों में एक ऐसा स्थल और जुड़ गया है जो कि दर्शनीय होने के साथ-साथ वन्दनीय भी है।
यह स्थल एक तीर्थ स्थल का सा दर्जा रखता है और इसका नाम है प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ। यह उदयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर टाइगर हिल्स नामक पहाड़ियों के बीच में स्थित है।
यह स्थल प्राकृतिक सुन्दरता के साथ-साथ देश की स्वाधीनता के लिए लड़ने वाले सेनानियों का अनूठा संगम है। इन सभी सेनानियों में महाराणा प्रताप को प्रथम सेनानी माना जा सकता है।
इस केंद्र का उद्देश्य महाराणा प्रताप के जीवन एवं मेवाड़ के इतिहास के साथ-साथ भारत के महापुरुषों के जीवन के बारे में आगंतुकों को परिचित करना है।
प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ स्थल का शिलान्यास 18 अगस्त 2008 को हुआ एवं इसे 9 दिसम्बर 2016 को पर्यटकों के लिए खोला गया।
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति द्वारा संचालित प्रताप गौरव केंद्र एक मनोरंजन स्थल ना होकर महाराणा प्रताप के शौर्य पराक्रम को प्रदर्शित करता तीर्थ स्थल है।
जिस प्रकार एक तीर्थ स्थल पर आने पर आपका आचरण होता है ठीक उसी प्रकार यहाँ पर भी महाराणा प्रताप के स्वाभिमान और स्वाधीनता के लिए किये गए त्याग एवं बलिदान के सम्मुख आपका मन श्रद्धा से भर उठता है।
यहाँ का प्रमुख आकर्षण पहाड़ी की ऊँचाई पर बैठी हुई मुद्रा में महाराणा प्रताप की 57 फीट ऊँची धातु की प्रतिमा है।
आडी तिरछी सीढियाँ चढ़कर जैसे ही आप महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा के सामने जाते हैं वैसे ही आपको मेवाड़ की बलिदानी भूमि पर आने पर गर्व महसूस होने लगता है। आपका सिर प्रताप के सम्मान में झुकने लगता है।
यह महाराणा प्रताप का ही प्रताप है कि अगर आप मेवाड़ से हैं तो आपको मेवाड़ी होने पर, अगर आप राजस्थान के अन्य भूभाग से आये राजस्थानी हैं तो आपको राजस्थानी होने पर और अगर आप भारतीय हैं तो आपको भारतीय होने पर गर्व महसूस होने लगता है।
अन्य आकर्षणों में हल्दीघाटी विजय युद्ध दीर्घा, मेवाड़ रत्न दीर्घा, भारत दर्शन दीर्घा, राजस्थान गौरव दीर्घा, क्रांति दीर्घा, भक्तिधाम, महाराणा प्रताप चित्र प्रदर्शनी, मेवाड़ इतिहास पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म, ध्यान कक्ष, भारत माता मंदिर आदि हैं।
केंद्र में भारत माता की 12 फीट ऊँची धातु की प्रतिमा भी स्थित है जो अपने आप में काफी अनूठी है। गौरतलब है कि भारत माता की मूर्तियाँ सम्पूर्ण भारत में बहुत कम जगह पर हैं।
भक्ति धाम में मेवाड़ के प्रमुख आराध्यों के नौ मंदिर एक साथ बने हुए हैं जिनमे आमजन दर्शन कर सकते हैं। इनमे दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को भक्तिधाम के पीछे बने मार्ग से प्रवेश कर उसी मार्ग से बाहर आना होगा।
इनमे रिद्धि सिद्धि विनायक मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, एकलिंग नाथ मंदिर, सांवलियाजी मंदिर, चामुंडा माता मंदिर, केसरियाजी मंदिर एवं श्रीराम दरबार मंदिर शामिल है।
यहाँ पर प्रवेश के लिए 100 रूपए का टिकट है जिनमे रोबोटिक शो, भारत दर्शन लाइट एंड साउंड शो, कठपुतली शो एवं प्रताप प्रतिमा दर्शन शामिल नहीं है।
इन चारों में प्रत्येक के लिए 20 रुपए अलग से खर्च करने पड़ेंगे, यानी अगर सम्पूर्ण प्रताप गौरव केंद्र का भ्रमण करना है तो प्रति व्यक्ति कुल 180 रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
आप प्रताप गौरव केंद्र की ऑनलाइन टिकट इसकी ऑफिशियल वेबसाईट से खरीद सकते हैं।
केंद्र के भावी आकर्षणों में लेजर शो, राजसिंह संग्रहालय, फ़ूड कोर्ट, भामाशाह मार्केट (भामाशाह विक्रय केंद्र), मेवाड स्फूर्ति केन्द्र दीर्घा, बच्चों के लिए एनिमेशन फिल्म एवं रोप वे शामिल है।
समय-समय पर यहाँ कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। अभी कुछ दिन पहले ही पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन हुआ है जिसमे शहरवासियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है।
केंद्र में पानी की जरूरत पूरी करने के लिए उदयपुर शहर का पहला बड़ा रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना हुआ है। आठ लाख लीटर पानी की क्षमता वाला यह सिस्टम आगामी कुछ वर्षों में अपनी सालभर की जरूरत का पानी खुद सहेज लेगा।
प्रताप गौरव केंद्र के निकट ही मेवाड़ हेलिपैड से हेलिकॉप्टर उड़ान भरते हैं। हेलिकॉप्टर राइड के लिए कई पैकेज बने हुए हैं जिनमें शुरूआती पैकेज पाँच मिनट की हेलिकॉप्टर राइड का है जिसका चार्ज 3250 रूपए है।
अगर आप उदयपुर भ्रमण पर आये हैं तो आपको प्राकृतिक स्थल पर मौजूद इस श्रद्धा के केंद्र को अवश्य देखना चाहिए।
प्रताप गौरव केंद्र की मैप लोकेशन, Pratap Gaurav Kendra Ki Map Location
प्रताप गौरव केंद्र की फोटो, Pratap Gaurav Kendra Ki Photos
लेखक
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}