हल्दीघाटी में जरूर देखें महाराणा प्रताप की गुफा - Maharana Pratap Gufa Haldighati, इसमें हल्दीघाटी में स्थित महाराणा प्रताप गुफा की जानकारी दी गई है।
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हल्दीघाटी क्षेत्र में देखने योग्य कई टूरिस्ट प्लेस हैं। इनमे से बहुत से ऐसे प्लेसेस हैं जो हल्दीघाटी के युद्ध से जुड़े हुए हैं और जिनका इस युद्ध के साथ-साथ महाराणा प्रताप से भी बहुत क्लोज रिलेशन रहा है।
इन्ही प्लेसेस में से एक प्लेस है महाराणा प्रताप गुफा। यह गुफा हल्दीघाटी के दर्रे से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर चेतक समाधि स्थल की तरफ जाने पर स्थित है।
यह गुफा मैन रोड पर ही है और आपको दूर से ही इसका साइन बोर्ड नजर आ जाता है। प्रताप गुफा को अनंत साधना स्थली भी कहा जाता है।
गुफा के बाहर ही रण मुक्तेश्वर महादेव के रूप में भगवान शिव विराजमान है। इनके बगल में पहाड़ों से पानी रिस-रिस कर धीमी गति के झरने के रूप में बह रहा है। सर्दी हो या गर्मी, यह पानी पूरे बारह महीने इसी प्रकार बहता रहता है।
गुफा के अन्दर जाने के दो रास्ते दिखाई देते हैं। दोनों रास्तों में से किसी भी रास्ते से अन्दर जाने पर मुख्य गुफा का एंट्रेंस आता है।
गुफा का एंट्रेंस अब पुराने स्वरूप में नहीं है, अब इसके आगे कंस्ट्रक्शन करके दरवाजा लगा दिया गया है। दरवाजे से अन्दर जाने पर गुफा कई पार्ट्स में बनी हुई दिखती है।
जिस प्रकार एक हवेली के बाहर चौक और चारों तरफ कमरे होते हैं ठीक इसी प्रकार गुफा के अन्दर एक बड़ी खाली जगह और चारों तरफ छोटे-छोटे कमरेनुमा हिस्से बने हुए हैं।
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सामने माताजी का मंदिर दिखाई देता है जिसमे माताजी विराजमान है। इसके राईट साइड में दूसरा पूजा स्थल है और इसके पास में ही एक धूणा बना हुआ है।
अब इस गुफा का स्वरूप काफी बदल गया है। महाराणा प्रताप के समय यह गुफा उनकी गतिविधि का एक प्रमुख केंद्र थी।
महाराणा प्रताप इसी गुफा में बैठकर अपने सामंतों और सलाहकारों के साथ युद्ध की रणनीति बनाया करते थे। महाराणा प्रताप इसी गुफा में साधना भी किया करते थे जिस वजह से इस गुफा को अनंत साधना स्थली भी कहा जाता है।
ऐसा बताया जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध के पहले महाराणा प्रताप यहाँ पर कई दिन रहे थे और हल्दीघाटी के युद्ध की फाइनल रणनीति को यही से अंजाम दिया था।
कहते हैं कि इस गुफा में कई ऐसे रास्ते हैं जो यहाँ से चित्तोड़ तक जाते हैं, लेकिन ये रास्ते काफी खतरनाक होने की वजह से अब इन्हें बंद कर दिया गया है।
गुफा के अन्दर हम जितना समय बिताते हैं उतने समय हमें ऐसा लगता है कि जैसे आज भी महाराणा प्रताप इसके किसी हिस्से में बैठे हुए हैं।
वैसे गुफा के अन्दर मंदिर बना हुआ है लेकिन अगर मंदिर नहीं होता तो भी यह जगह एक मंदिर जैसी पवित्र होने का अहसास कराती है। यहाँ पर हमारा सिर प्रताप के सम्मान में झुक जाता है।
अगर आप हल्दीघाटी जा रहे हों तो आपको महाराणा प्रताप की इस गुफा में जरूर जाना चाहिए ताकि आप हल्दीघाटी के युद्ध को ढंग से महसूस कर पायें।
महाराणा प्रताप गुफा की मैप लोकेशन, Maharana Pratap Gufa Ki Map Location
महाराणा प्रताप गुफा की फोटो, Maharana Pratap Gufa Ki Photos
लेखक
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}