झरने के पास लटकती चट्टानों वाला गुफा मंदिर - Jhameshwar Mahadev Mandir Jhamar Kotda, इसमें झामेश्वर महादेव और इसके पास बहते झरने की जानकारी दी गई है।
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क्या आप हजारों वर्ष पुराने महादेव के ऐसे मंदिर में जाना चाहेंगे जो पिघली हुई चट्टानों से बनी प्राकृतिक गुफा के अन्दर बना हुआ है और इसमें शिवलिंग भी स्वयंभू यानि अपने आप उत्पन्न हुआ है?
इस मंदिर की ख़ास बात यह है कि यह मंदिर बड़ा ही चमत्कारी है और कहा जाता है कि यहाँ पर श्रद्धालु महादेव के सामने पर्ची पर लिखकर अपनी मनोकामना पूर्ण करता है।
झामेश्वर महादेव में झरने के साथ प्राकृतिक सुंदरता, Jhameshwar Mahadev Me Jharne Ke Sath Prakratik Sundarta
पहाड़ों के बीच में बना हुआ यह मंदिर आस्था के साथ-साथ एक सुन्दर प्राकृतिक स्थल भी है। मंदिर के बगल में एक झरना बहता है और पास में ही एक सुन्दर तालाब है।
यहाँ पर आने वाले श्रद्धालुओं के एक पंथ दो काज हो जाते हैं। ये लोग भोलेनाथ के दर्शनों के साथ-साथ इस स्थान की प्राकृतिक सुन्दरता का आनंद भी उठाते हैं।
यह स्थान एक पिकनिक स्थल के रूप में भी काफी प्रसिद्ध है और लोग बारिश के मौसम में यहाँ पर घूमने के लिए काफी बड़ी संख्या में आते हैं।
झामर कोटड़ा में स्थित इस मंदिर को झामेश्वर महादेव के मंदिर के नाम से जाना जाता है। मुख्य सड़क पर ही मंदिर का दरवाजा दिख जाता है।
यहाँ से मंदिर की दूरी लगभग 200 मीटर है। ठहरने के लिए धर्मशाला भी बनी हुई है। बगल में तालाब रुपी कुंड बना हुआ है।
झामेश्वर महादेव की गुफा, Jhameshwar Mahadev Ki Gufa
सामने सीढ़ियों से नीचे जाने पर मंदिर का दरवाजा दिखाई देता है। पुराने समय में यह गुफा का दरवाजा हुआ करता था लेकिन अब इसका निर्माण कर इसे दरवाजे का रूप दे दिया गया है।
गुफा के अन्दर चट्टानें इस तरह से लटकी हुई है जिस तरह से एक विशाल बरगद के पेड़ के नीचे जड़े लटकी रहती है। शिवलिंग तक जाने के लिए थोडा झुककर जाना पड़ता है।
गुफा में जगह-जगह पानी टपकता रहता है जिसकी वजह से हजारों वर्ष पुरानी इस गुफा की चट्टानें अब चिकनी हो गई है। गुफा की ये चट्टानें बड़ी सुन्दर दिखाई देती है।
गुफा के अन्दर स्थित शिवलिंग हजारों वर्ष पुराना है। यह शिवलिंग स्वयंभू है यानि प्राकृतिक रूप से बनकर स्वयं उत्पन्न हुआ है। शिवलिंग के ऊपर जल की बूंदे प्राकृतिक रूप से ऐसे टपकती रहती है जैसे प्रकृति खुद भोलेनाथ का अभिषेक कर रही हो।
गुफा के अन्दर थोड़ी देर बैठने से मन में एक अजीब तरह की शांति मिलती है। गुफा की प्राकृतिक सुन्दरता को बार बार देखने का मन करता है। गुफा के सामने सघन हरियाली है।
झामेश्वर महादेव में बहता झरना, Jhameshwar Mahadev Me Bahta Jharna
गुफा के बाहर लेफ्ट साइड में नीचे जाने पर एक छतरी बनी हुई है जो शायद किसी संत महात्मा की समाधि है। इस छतरी से आगे जाने पर बहता हुआ पानी नजर आता है। पानी में पड़े पत्थरों पर से आगे बढ़ने पर एक सुन्दर झरना नजर आता है।
करीब 15-20 फीट की ऊँचाई से गिरती हुई पानी की पाँच-छः धाराएँ बड़ी सुन्दर दिखती है। बारिश के मौसम में इन धाराओं में पानी काफी बढ़ जाता है। झरने के अलावा सामने की तरफ से भी पानी काफी तेजी से बहता हुआ आता है।
यहाँ पर आप सितम्बर के पहले सप्ताह में जा सकते हैं तब बारिश थोड़ी कम हो जाती है और बड़ी आसानी से इस झरने के साथ-साथ बहते पानी का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
यह पानी थोडा आगे जाकर एक तालाब का रूप ले लेता है। उसके आगे एनिकट बना हुआ है। जब वर्षा ज्यादा होती है तब यह बरसाती नदी के रूप में बहता हुआ जयसमंद झील में मिल जाता है।
अगर आपको झरना देखना है तो आपको सितम्बर के महीने तक यहाँ पर चले जाना चाहिए क्योंकि इसके बाद धीरे-धीरे ये झरना धीमा होकर बंद हो जाता है।
यहाँ पर चारों तरफ घनी हरियाली है। तरह तरह के पक्षी और पेड पौधे हैं। इस जगह पर भोलेनाथ की असीम कृपा है।
झामेश्वर महादेव के पास घूमने की जगह, Jhameshwar Mahadev Ke Paas Ghumne Ki Jagah
झामेश्वर महादेव जाने के रास्ते में बाघदडा नेचर पार्क (Baghdarrah Nature Park) आता है। यहाँ से आगे जगत (Jagat) गाँव है जहाँ पर अम्बिका माता का 1000 वर्ष पुराना मंदिर है। ईडाना माता (Idana Mata) का मंदिर भी देखा जा सकता है।
झामेश्वर महादेव कैसे जाएँ?, Jhameshwar Mahadev Kaise Jaye?
झामेश्वर महादेव का मंदिर उदयपुर के पास झामर कोटड़ा में स्थित है। उदयपुर रेल्वे स्टेशन से यहाँ की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है।
यहाँ पर आप अपनी कार या बाइक से उमरडा या लकडवास होकर आ सकते हैं। अमूमन सड़क की हालत ठीक रहती है लेकिन बारिश के मौसम में सड़के थोड़ी खराब हो जाती है।
अगर आप घुम्मकड़ स्वभाव के हैं, अगर आप प्राकृतिक स्थलों के बीच स्थित धार्मिक स्थलों को देखने में रूचि रखते हैं तो आपको झामेश्वर महादेव के मंदिर में जरूर जाना चाहिए।
झामेश्वर महादेव मंदिर मैप लोकेशन, Jhameshwar Mahadev Mandir Map Location
झामेश्वर महादेव मंदिर की फोटो, Jhameshwar Mahadev Mandir Ki Photos
लेखक
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}