रानी गौड़जी ने बनवाई थी बहूजी की बावड़ी - Bahuji Ki Baori Khandela, इसमें खंडेला की बहूजी बावड़ी यानी रानीजी की बावड़ी के बारे में जानकारी दी गई है।
{tocify} $title={Table of Contents}
खंडेला को 52 बावड़ियों के नगर के नाम से भी जाना जाता है। ये बावड़ियाँ राजाओं, रानियों, नगर सेठों द्वारा बनवाई गई हैं। इन्हीं बावड़ियों में एक बावड़ी है बहूजी या रानीजी की बावड़ी।
यह बावड़ी राजपरिवार की छतरियों से आगे छोटे पाने के राजपरिवार के बाग से कुछ दूरी पर बनी हुई है।
वर्तमान में यह बावड़ी निजी संपत्ति के रूप में मौजूद है लेकिन प्राचीन काल में यह बावड़ी राहगीरों, तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों की प्यास बुझाती थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बावड़ी का निर्माण राजा बहादुर सिंह की रानी गौड़जी ने विक्रम संवत 1749 (1692 ईस्वी) में करवाया था।
रानी गौड़जी अजमेर के सरवाड़ के राजा शिवराम गौड़ की पुत्री थी। राजा शिवराम गौड़ का सम्बन्ध बंगाल के प्रसिद्ध गौड़ वंश से था।
लगभग तीन सदियाँ गुजर जाने के पश्चात भी यह बावड़ी काफी अच्छी दशा में मौजूद है। बावड़ी की लम्बाई चौड़ाई काफी अधिक नहीं है लेकिन फिर भी बावड़ी की भव्यता में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।
बावड़ी की गहराई तीन या चार तलों की है। नीचे के तलों में जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई है। सबसे ऊपर गलियारे के रूप में एक छतरी बनी हुई है।
इस छतरी के दोनों तरफ दो शिलालेख लगे हुए हैं जिसे इस बावड़ी के निर्माण के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।
बावड़ी के पास में ही शिवजी का प्राचीन मंदिर स्थित है। खंडेला में स्थित अधिकांश बावड़ियाँ नष्ट होती जा रही है लेकिन फिर भी इनकी तरफ प्रशासन का अधिक ध्यान नहीं है।
निजी बावड़ियाँ तो फिर भी संरक्षित रह जाती हैं लेकिन उन बावडियों का क्या होगा जो अत्यंत प्राचीन और अत्यंत भव्य होने के बावजूद उपेक्षित है।
अगर समय रहते इनका संरक्षण किया जाए तो ये बावड़ियाँ जल का स्रोत होने के साथ-साथ पर्यटक स्थल का भी कार्य करेंगी।
बहूजी बावड़ी की मैप लोकेशन, Bahuji Baori Ki Map Location
बहूजी बावड़ी की फोटो, Bahuji Baori Ki Photos
लेखक
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}